तेरे नाम का सुमिरन कर के
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया,
तेरी करपा को मैने पाया,
तेरी दया को मैने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया।
दुनिया की ठोकर खा के,
जब हुआ कभी बेसहारा,
ना पाकर अपना कोई,
जब मैने तुझे पुकारा,
हे नाथ, मेरे सिर ऊपर,
तूने अमृत रस बरसाया,
तेरी करपा को मैने पाया,
तेरी दया को मैने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया।
तू संग में था नित मेरे,
ये नयना देख ना पाये,
चंचल माया के रंग में,
ये नैन रहे उलझाये,
जितनी भी बार गिरी हूं,
तूने पग पग मुझे उठाया,
तेरी करपा को मैने पाया,
तेरी दया को मैने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया।
जब सागर की लहरो ने,
भटकायी मेरी नैया,
तट छूना भी मुश्किल था,
नही दिखे कोई भी खिवैया,
तू लहर का रुप पहनकर,
मेरी नाव किनारे लाया,
तेरी करपा को मैने पाया,
तेरी दया को मैने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया।
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया,
तेरी करपा को मैने पाया,
तेरी दया को मैने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन कर के,
मेरे मन मे सुख भर आया।भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
तेरे नाम का सुमिरन करके - Tere Naam Ka Sumiran Karke - Swastika Mishra @SaawariyaMusic