भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा।
जननी समान धरती, जिस पे जन्म लिया है, निज अन्न वायु जल से, जिसने बड़ा किया है, जीवन वो कैसा जीवन, इसपे अगर न वारा, भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा।
स्वर्णिम प्रभात जिस की, अमृत लुटाने आये, जहाँ सांझ मुस्कुराकर, दिन की थकान मिटाये, दिन रात का चलन भी, जहाँ शेष जग से न्यारा, भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा।
जहाँ घाम भीगा पावस, भिनी शरद सुहाये, बीते शिशिर को पतझड, देकर वसन्त जाये, जिसे धूप छांव वर्षा, हिमपात ने सँवारा, भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा।
भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा।