हम साँवरे के नौकर मालिक श्याम
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।
ज्यादा जरूरतों से,
देता ही जा रहा है,
इज्जत की हमको रोटी,
बाबा खिला रहा है,
हम क्यूँ फिकर करें जब,
करता वो इंतजाम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।
हम सारे श्याम प्रेमी,
परिवार की तरह हैं,
बाबा ने जो पिरोया,
उस हार की तरह हैं,
दरबार है ठिकाना,
घर अपना खाटूधाम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।
दरबार खाटूवाले का,
हमसे कभी न छूटे,
संसार चाहे छूटे या,
साँसों का तार टूटे,
चरणों में बैठ के ही,
मिलता हमें आराम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।
कितने महान हैं वो कृपा है,
जिन पे श्याम की,
चरणों में जिनके है लगी मिट्टी,
ये खाटू धाम की,
बाबा के प्रेमियों को,
दिल से मेरा प्रणाम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।
खिदमत गरीब की करो,
सेवा है ये ही श्याम की,
होता नहीं वो मोहित है,
जपने से माला नाम की,
नाथों का नाथ साँवरा,
बस भाव का गुलाम है,
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है
हम साँवरे के नौकर,
मालिक हमारा श्याम है,
हम हैं पुजारी श्याम के,
सेवा हमारा काम है।