भेष बदल के कृष्णा आया भजन

भेष बदल के कृष्णा आया भजन

नहा धोके मैं बैठी भगतणी भजे राम की माला
भेष बदल के कृष्णा आया बनके मांगण आला..........।

चिमटा ठा के भाजी भगतणी ठहरजा माखण आला
मेरी भागती में भंग घेर दिया मैं फेरूँ थी माला
हे रहण दे भगतणी जाणदे भगतणी झूठी फेरे माला
ऊपर ले ते रमा रटे तेरे भीतर ले मैं काला..........।

राम रटया था धुव भगत ने उम्र का था वो यांण
अरे ध्वज चडी आकाश में दुनिया में होया उजाला
हे रहण दे भगतणी जाणदे भगतणी झूठी फेरे माला
ऊपर ले ते रमा रटे तेरे भीतर ले मैं काला..........।

राम रटया था मीरा बाई ने मन में ला लिया डेरा
आठ सौ झालर त्याग दिए उन्न लेई काठ की माला
हे रहण दे भगतणी जाणदे भगतणी झूठी फेरे माला
ऊपर ले ते रमा रटे तेरे भीतर ले मैं काला..........।

राम रटया था धन्ना भगत ने बिज बाँट दिया सारा
बोई कांकर काटे तुंमबे अन्न उपजा था अपारा
हे रहण दे भगतणी जाणदे भगतणी झूठी फेरे माला
ऊपर ले ते रमा रटे तेरे भीतर ले मैं काला..........।

राम रटया था नरसी भगत ने टोह लिया कृष्ण काला
हर नंदी के भात भरया उड़ रोप दिया उन चाला
ऊपर ले ते रमा रटे तेरे भीतर ले मैं काला..........।




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