चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || ध्रु || हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है || 1 ||
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है || 2 ||
जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है || 3 || चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
हर शरीर मंदिर सा पावन, हर मानव उपकारी है । जहॉं सिंह बन गये खिलौने, गाय जहॉं मॉं प्यारी है । जहॉं सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता, श्रम निष्ठा कल्याणी है । त्याग और तप की गाथाऍं, गाती कवि की वाणी है । ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा, निर्मल है अविराम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
जिस के सैनिक समरभूमि मे, गाया करते गीता है । जहॉं खेत मे हल के नीचे, खेला करती सीता है । जीवन का आदर्श जहॉं पर, परमेश्वर का धाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है|| देशभक्ति गीत|| चंदन है इस देश की माटी