दिल लूट के ले गया छलिया

दिल लूट के ले गया छलिया

मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया,
कहे रो-रो राधा कैसी ये रुसवाई है,
जिस दिन से गया तू नींद मुझे ना आई है
मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया।

सुन कान्हां तेरी याद में रोती रहती हूँ,
तेरे दिए ख़्वाब के दर्द को हर पल सहती हूँ,
क्या प्यार का मतलब होता, श्याम जुदाई है,
जिस दिन से गया तू नींद मुझे ना आई है
मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया।

वो मधुर मुरलिया कानो से टकराती थी
खुश होकर पाँव की पायल शोर मचाती थी
बिन बंसी धुन ये पायल भी मुरझाई है
जिस दिन से गया तू नींद मुझे ना आई है
मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया।

पनघट सूना सूनी ये कदम्ब की डाली है
दिन भी लगता अब कुंदन रात ये काली है
ये कैसी प्रीत सांवरिया तूने निभाई है।
जिस दिन से गया तू नींद मुझे ना आई है
मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया।

मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया,
कहे रो-रो राधा कैसी ये रुसवाई है,
जिस दिन से गया तू नींद मुझे ना आई है
मन में बस के मन बसिया,
दिल लूट के ले गया छलिया।




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