मैया के दीवानो ने दरबारा सजाया है भजन
मैया के दीवानो ने दरबारा सजाया है भजन
दरबार भवानी माई का,
अरे देखो आज सजा है,
और दुल्हन लागे शेरावाली,
चोला लाल चढ़ा है।
मुखड़ा:
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है,
और मिलके भक्तों ने,
जयकारा लगाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 1:
कोई माँ को फूल चढ़ाए,
कोई दीप जलाए,
श्रद्धा से हर भक्त यहाँ,
माँ को शीश नवाए,
मैया के दीवानों ने,
लाल झंडा चढ़ाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 2:
कोई लाल चुनर ले आए,
कोई नौरंग चुनरी लाए,
भक्ति से हर भक्त यहाँ,
माँ का श्रृंगार कराए,
मैया के दीवानों ने,
चोला चढ़ाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 3:
कोई माँ की आरती गाए,
कोई भजनों में खो जाए,
माँ के दर पे बैठ के सब,
भक्ति रस में रम जाए,
मैया के दीवानों ने,
जगराता कराया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 4:
कंठ में मेरे आन विराजी,
देखो मैया वीणा पाणी,
मैया से लगन लागी,
भजन बन आया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है,
और मिलके भक्तों ने,
जयकारा लगाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अरे देखो आज सजा है,
और दुल्हन लागे शेरावाली,
चोला लाल चढ़ा है।
मुखड़ा:
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है,
और मिलके भक्तों ने,
जयकारा लगाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 1:
कोई माँ को फूल चढ़ाए,
कोई दीप जलाए,
श्रद्धा से हर भक्त यहाँ,
माँ को शीश नवाए,
मैया के दीवानों ने,
लाल झंडा चढ़ाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 2:
कोई लाल चुनर ले आए,
कोई नौरंग चुनरी लाए,
भक्ति से हर भक्त यहाँ,
माँ का श्रृंगार कराए,
मैया के दीवानों ने,
चोला चढ़ाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 3:
कोई माँ की आरती गाए,
कोई भजनों में खो जाए,
माँ के दर पे बैठ के सब,
भक्ति रस में रम जाए,
मैया के दीवानों ने,
जगराता कराया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
अंतरा 4:
कंठ में मेरे आन विराजी,
देखो मैया वीणा पाणी,
मैया से लगन लागी,
भजन बन आया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है,
और मिलके भक्तों ने,
जयकारा लगाया है,
मैया के दीवानों ने,
दरबार सजाया है।।
मैया के दीवानो ने - MAIYA KE DEEWANO NE - SHAHNAAZ AKHTAR