जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगी भजन
जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम।
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां श्याम रख लोगे,
वहीं मैं रहूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी।
ये जीवन समर्पित,
चरणों में तुम्हारे,
ये जीवन समर्पित,
चरणों में तुम्हारे,
तुम्हीं मेरे सर्वश्व
तुम्हीं प्राण प्यारे,
तुम्हें छोड़ कर श्याम,
किस से कहूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी।
ना कोई उलाहना,
ना कोई है अर्जी,
ना कोई उलाहना,
ना कोई है अर्जी,
कर लो करा लो चाहे,
जो है तेरी मर्जी,
कहना भी होगा तो,
तुम्हीं से कहूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी।
दयानाथ दयनीय,
ये मेरी अवस्था,
तेरे हाथ अब,
मेरे सारी व्यवस्था,
जो भी कहोगे तुम,
जो भी कहोगे श्याम,
वही मैं करूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी।
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां श्याम रख लोगे,
वहीं मैं रहूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी,
जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगी।