कैलाश का वासी, बम भोले, मिलता है जो काशी, बम भोले, डमरू पर नाचे झूम झूम, करे दूर उदासी, बम भोले, मन का भोला मेरे भोले नाथ, लगता सुंदर गौरा के साथ, दुनिया का पालन हारी, मेरा भोला नाथ भोला भंडारी, करता है नंदी की सवारी, जटा से निकले गंगा प्यारी, भोला नाथ भोला भंडारी, भोला नाथ भोला भंडारी, जटा से निकले गंगा प्यारी।
पूजती है जिनको दुनिया ये सारी, नाम पुकारे कहे त्रिपुरारी, माथे पे चंदा है भस्म लगाये, नागों की माला गले में है प्यारी, करते हैं सबके मन में वास, जितने अघोरी इनके दास, मेरे नीलकंठ विषधारी, मेरा भोला नाथ भोला भंडारी, करता है नंदी की सवारी, जटा से निकले गंगा प्यारी, भोला नाथ भोला भंडारी।
देवो के देवा अजब तेरी माया, जटाधारी तू गंगा धारी कहलाया, या भष्मासुर को भस्म तूने भोले, उत्पात जो भयंकर जब उसने मचाया, मेरे दिल में जगी तेरी प्यास प्यास, गाये रघुवंशी हर सांस सांस, हनुमान सुमिर पुजारी, मेरा भोला नाथ भोला भंडारी, करता है नंदि की सवारी, जटा से निकले गंगा प्यारी, भोला नाथ भोला भंडारी।
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