खोलो खोलो भवन के द्वार सवाली आये है लिरिक्स Kholo Bhawan Ke Dwar Lyrics

खोलो खोलो भवन के द्वार सवाली आये है लिरिक्स Kholo Bhawan Ke Dwar Lyrics, Mata Rani Bhajan

खोलो खोलो भवन के द्वार,
सवाली आये है,
करदो करदो सब का उद्धार,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
सवाली आये हैं।

ऊंचे पर्वत भवन निराला,
बीच गुफा में माँ ने डेरा डाला,
माँ के चरणों में गंगा की धार,
सवाली आये है,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
सवाली आये हैं।

तेरे भवन की शोभा न्यारी,
भक्तों को माँ लगती प्यारी,
कब से बैठे है, रास्ता निहार,
सवाली आये है,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
सवाली आये हैं।

तेरे दर्शन को अखियां तरसे,
नैना मेरे कब से बरसे,
आज रवि की सुन लो पुकार,
सवाली आये है,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
खोलो खोलो भवन के द्वार,
सवाली आये हैं।




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