लघु बाल काण्ड भजन लिरिक्स Laghu Bal Kand Lyrics, Shri Ram Bhajan by Singer : Vinod Gwaar
रघुपति राघव राजाराम,पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
दशरथ चिंतित थे वंश को लेकर,
गुरु दरबार गए मन लेकर,
गुरु वशिष्ठ ने उपाय बताया,
श्रृंगी ऋषि से उन्हें मिलाया,
योगायोग विचार विचारे,
अग्निदेव दिए खीर के प्याले,
दशरथ चरण है शीश नवाए,
खीर लिए महलन में आए।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
एक प्याला दिया कौशल्या को,
दूजा कैकई हाथ थमाया,
दोनों ने मिल भाग किया,
सुमित्रा को दो भाग मिला,
सुमित्रा ने दो हिस्से खाए,
वरदानी दो बालक जाए,
ज्येष्ठ शत्रुघ्न नाम रखाये,
छोटे भ्राता लखन कहलाए,
ज्येष्ठ शत्रुघ्न नाम रखाये,
छोटे भ्राता लखन कहलाए।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
कैकई ने भरत थे जाए,
कौशल्या को हरि स्वयं आए,
दशरथ आंगन बजी बधाई,
अवध की मंगल दशा है आई,
रघुकुल वंश की बेल बढ़ी और,
देखी गुरु ने लगन घड़ी,
नामकरण कर हर बालक का,
स्वयं राम को शीश नवाया,
नामकरण कर हर बालक का,
स्वयं राम को शीश नवाया।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
राम का नाम हरि जो पाये,
शंकर स्वयं धरा पर आये,
बाल रूप देखन विष्णु का,
शिव ने जोगी रूप बनाया,
जटा जूट और हाथ में चिमटा,
रूप अनूप का शिव का झलका,
हरि पालने में मुस्काये,
अलख जगा हर द्वारे आये,
हरि पालने में मुस्काये,
अलख जगा हर द्वारे आये।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
कौशल्या ने मन में विचारा,
द्वारे कौन मायावी आया,
भिक्षा लेकर बाहर आए,
बोले शिव नहीं चाहिए माई,
जो संतान तेरे घर आई,
मुख उसका दिखला दे माई,
जो संतान तेरे घर आई,
मुख उसका दिखला दे माई,
असमंजस में कौशल्या थी,
आज परीक्षा दिव्यता की थी,
असमंजस में कौशल्या थी,
आज परीक्षा दिव्यता की थी।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
डमरू बजाके शिव मुस्काये,
बाल हरि अंदर मुस्काये,
कौशल्या ने नैन नवाये,
शिव को राम दरस करवाये,
समझ गई वह हरि की लीला,
वेदना की थी अद्भुत क्रीडा,
राम सत्य है राम है सुंदर,
राम ही जग का पालनहार।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
राम भद्रता राम सभ्यता,
राम दिव्यता के आधार,
राम नाम महिमा अति भारी,
रामाधीन सकल संसार,
राम सा हो वो राम को जाने,
राम कृपा कोई क्या पहचाने,
यह सृष्टि है राम प्रमाण,
दूजा ना कोई राम समान,
यह सृष्टि है राम प्रमाण,
दूजा ना कोई राम समान।
भक्त सुधाकर निपट अज्ञानी,
जो कुछ सुनी लिखी सुई वाणी।
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)