अब कोई ना सहारा बिन तेरे महाकाल

अब कोई ना सहारा बिन तेरे महाकाल गंगाधर मेरे

अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे।

तूने लाखों पापी तारे हैंं,
नहींं गुण और दोष विचारे हैं,
मैंं भी आन पड़ा दर तेरे,
मैंं भी आन पड़ा दर तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महा काल गंगाधर मेरे।

विषयो के जाल में फसकर के,
झूठी उल्फत में धंसकर के,
दुःख पाए नाथ घनेरे,
दुःख पाए नाथ घनेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महा काल गंगाधर मेरे।

तू दीन बंधू हितकारी हैं,
हम दुखिया शरण तिहारी हैं,
हम दीन हिन हैं तेरे,
हम दीन हिन हैं तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महा काल गंगाधर मेरे।

भक्त तेरी शरण में आया हैं,
आके चरणों में शीश झुकाया हैं,
काटो जनम मरण के फेरे,
काटो जनम मरण के फेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महा काल गंगाधर मेरे।

अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे।।



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