मुझे तो उज्जैन के महाकाल का दीदार चाहिये लिरिक्स Mahakal Ka Didar Lyrics, Shiv Bhajan Mahakal Ka Didar by Singer - Sanjay Singh Chouhan (9009804779)
ना कोठी ना बंगला,ना मुझे कार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये,
ना कोठी ना बंगला,
ना मुझे कार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये।
दुनिया के सब झूठे रिश्ते,
मेरे समझ ना आवे,
जब से देखा उज्जैन में,
महाकाल नजर ही आवे,
नंदी के असवार की,
दरकार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये।
हर सावन में उज्जैन नगरी,
कावड़ लेकर आऊं,
झूम झूम के महाकाल के,
भजनों में खो जाऊं,
महाकाल के भक्तों में,
मेरा नाम चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये।
संजय अमन तो महाकाल से,
इतनी अर्ज लगावे,
दुनिया चाहे रूठे हमसे,
भोले तू अपनाले,
महाकाल के चरणों में,
स्थान चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये।
ना कोठी ना बंगला,
ना मुझे कार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये,
ना कोठी ना बंगला,
ना मुझे कार चाहिये,
मुझे तो उज्जैन के,
महाकाल का दीदार चाहिये।
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