मातृ चरणों मे समर्पित है युगों की साधना
मातृ चरणों मे समर्पित है युगों की साधना
मातृ चरणों में समर्पित है,युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
शीश तब हिमगिरि सुशोभित,
पग महोदधि धो रहा,
नीर पावन सरित का,
तव पी चराचर जी रहा,
शस्य श्यामल भुमि प्यारी,
हम करें आराधना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
जो भी आया ले लिया,
हर्षित उसे तू गोद में,
पिलाकर निज क्षीर,
पाला है उसे आमोद में,
विश्व में बेजोड तव,
वैशिष्टय माँ है मानना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
कठिन झंझावात में भी,
तू अडिग हिमवान बन,
है दिया जग को अपरिमित,
संस्कृति और ज्ञान धन,
अखिल विश्वाधार और,
सुख शांति की हो सर्जना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
तव चरण की धूलि पर माँ,
कोटिशः सिर हैं समर्पित,
अर्चना के दीप जननी,
कोटिशः हैं आज अर्पित,
कौन है जग में करे जो,
आज तव अवमानना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना,
मातृ चरणों में समर्पित है,
युगों की साधना,
सत्य नुतन यश खिले,
तब यह अकिंचन कामना।
मातृ चरणों मे समर्पित है युगों की साधना मातृ चरणों मे समर्पित है युगों की साधना।देशभक्ति गीत।।