मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ भजन
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ भजन
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
कि रहता हर पल मेरे साथ,
अकेला मत समझो।
अकेला मत समझों।
जब से इसने अपनाया है,
जीने का ढंग सिखलाया है,
मन में रहता उत्साह,
नहीं अब सुख दुःख,
की परवाह,
अकेला मत समझो,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
कि रहता हर पल मेरे साथ,
अकेला मत समझो।
अकेला मत समझों।
मैं जग में निर्भय घूम रहा,
इसकी मस्ती में झूम रहा,
इसने बदली तकदीर,
मिटाके हर मुश्किल गंभीर,
अकेला मत समझो,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
कि रहता हर पल मेरे साथ,
अकेला मत समझो।
अकेला मत समझों।
मिलते हैं इसके दीवाने,
कुछ जाने और कुछ अंजाने,
उनसे मिलता जो प्यार,
क्या देगा कोई रिश्तेदार,
अकेला मत समझो,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
कि रहता हर पल मेरे साथ,
अकेला मत समझो।
अकेला मत समझों।
ये प्यार बहुत ही करता है,
और भाव हृदय में भरता है,
बिन्नू का ये मनमीत,
झुमके गाऊं इसके गीत,
अकेला मत समझो,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
मेरा श्याम ने पकड़ा हाथ,
कि रहता हर पल मेरे साथ,
अकेला मत समझो।
अकेला मत समझों।
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