राजतिलक दी वधाई होवे लखो लख जी लिरिक्स Rajtilak Di Badhayi Hove Lyrics

राजतिलक दी वधाई होवे लखो लख जी लिरिक्स Rajtilak Di Badhayi Hove Lyrics, Satgurudev Bhajan

लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी,
लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी।

सतगुरु दे चरणां विच,
बैके गीत खुशी दे गाईये,
आओ रल मिल राजतिलक दा,
शुभ त्योहार मनाईये,
लखो लख जी, लखो लख जी,
अज गुरां नू वधाई होवे,
लखो लख जी,
लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी।

जब जब कष्ट पड़े भगतों पे,
तब तब प्रभु जी आये,
राम बने कभी शाम बने,
कभी नरसिंह रूप बनाये,
लखो लख जी, लखो लख जी,
अनंदपुर वासी दियां धुम्मा पईयां,
लखो लख जी,
लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी।

कलयुग में अवतार लिया है,
संत रूप है धारा,
हो मुबारक मेरे सतगुरु आप का,
जग विच आना,
लखो लख जी, लखो लख जी,
चंद सूरज बलिहारी जावण,
लखो लख जी,
लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी।

राजतिलक दी घड़ी सुहानी,
बार बार ये आये,
श्री चरणां विच बैके दास,
बार बार ये गाये,
लखो लख जी, लखो लख जी,
शुभ घड़ी दी वधाई होवे,
लखो लख जी,
लखो लख जी, लखो लख जी,
राजतिलक दी वधाई होवे,
लखो लख जी।



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