सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ लिरिक्स Sakhi Ri Banke Bihari Se Lyrics

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ लिरिक्स Banke Bihari Se Lyrics, Banke Bihari Se Hamari Lad Gayi Akhiya

सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियां,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अंखियाँ।

ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अंखियां,
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियां,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अंखियाँ।

चहू दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो,
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियां,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अंखियाँ।

भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी,
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियां,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अंखियाँ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियां,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अंखियाँ।



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