सांवरिया यमुना पर काहे मटकिया लिरिक्स Sanwariya Yamuna Par Kahe Lyrics
सांवरिया यमुना पर काहे मटकिया लिरिक्स Sanwariya Yamuna Par Kahe Lyrics, Krishna Bhajan
जय जय राधेश्याम बोलो,जय जय राधेश्याम,
मत फोड़ गगरिया मोरी,
समझावे राधा गौरी,
कान्हां मान जाओ ना,
सांवरिया यमुना पर काहे
मटकिया फोड़ दी मोरी।
मैं बरसाने की राधा तू
गोकुल का है ग्वाला,
तेरा मेरा मेल नहीं है,
मैं गोरी तू काला,
फिर थामे कलैया मोरी,
मोसे कर ना जोर जोरी
तरस अब कुछ तो खाओ न
सांवरिया यमुना पर काहे
मटकिया फोड़ दी मोरी।
काहे सतावै मुझको रुलावे
छेड़े बीच डगरिया
टूटे न वृंदावन
टेढ़ा टेढ़ी तेरी नगरिया
सांवरिया सुन लो मोरी
तुझ से बाँधे प्रीत की डोरी
कन्हैया छोड़ो शरारत ना,
सांवरिया यमुना पर काहे
मटकिया फोड़ दी मोरी।
उठ गया हाथ जो जिस
कान्हां मार पड़ेगी भारी
बरसाने की कवे गुजरियां
सुन लो कृष्ण मुरारी
मेरे सिर पर धरी कमोरी
अब फोड़ो न मटकी मोरी
नागर की बिगड़ी बनाओ न
सांवरिया यमुना पर काहे
मटकिया फोड़ दी मोरी।