तकदीर मुझे ले चल मैया जी की बस्ती में भजन
तकदीर मुझे ले चल मैया जी की बस्ती में भजन
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में।
(अंतरा 1)
दरबार में हर रंग के,
दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से,
बेगाने मिलेंगे,
हर देश से पहुँचेंगी,
दर्शन को निगाहें,
चारों तरफ ही माई के,
परवाने मिलेंगे।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 2)
क्या जाने कोई क्या है,
मेरी माई का दरबारा,
सबसे बड़ा है जग में,
मेरी माई का दरबारा,
शेहरे चढ़े हुए हैं,
माई की रहमतों के,
प्यारा सजा हुआ है,
मेरी माई का दरबारा।
भक्तों की हैं कतारें,
माई के दर पे देखो,
दुल्हन सा लग रहा है,
मेरी माई का दरबारा।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 3)
सबसे हसीन देखो,
मेरी माई का दरबारा,
रहमत का है भंडारा,
मेरी माई का दरबारा,
तारों करम से सबको,
मेरी माई का दरबारा,
ममता लुटा रहा है,
मेरी माई का दरबारा।
अमीर और ग़रीब सभी,
माँ के दर पे आते हैं,
रहमत का है ख़ज़ाना,
मेरी माई का दरबारा।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 4)
मेरे दिल की बस दुआ है,
मेरी माँ के दर पे जाऊँ,
जीवन वहीं गुज़ारूँ,
कभी लौट के ना आऊँ,
गुणगान करूँ माँ का,
जीवन सफल बनाऊँ,
चरणों में अपनी माँ के,
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँ।
बस रात-दिन भवानी,
तेरा भजन मैं गाऊँ,
दुनिया को भूल तुझपे,
मैं वारी-वारी जाऊँ।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
मैया जी की बस्ती में।
(अंतरा 1)
दरबार में हर रंग के,
दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से,
बेगाने मिलेंगे,
हर देश से पहुँचेंगी,
दर्शन को निगाहें,
चारों तरफ ही माई के,
परवाने मिलेंगे।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 2)
क्या जाने कोई क्या है,
मेरी माई का दरबारा,
सबसे बड़ा है जग में,
मेरी माई का दरबारा,
शेहरे चढ़े हुए हैं,
माई की रहमतों के,
प्यारा सजा हुआ है,
मेरी माई का दरबारा।
भक्तों की हैं कतारें,
माई के दर पे देखो,
दुल्हन सा लग रहा है,
मेरी माई का दरबारा।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 3)
सबसे हसीन देखो,
मेरी माई का दरबारा,
रहमत का है भंडारा,
मेरी माई का दरबारा,
तारों करम से सबको,
मेरी माई का दरबारा,
ममता लुटा रहा है,
मेरी माई का दरबारा।
अमीर और ग़रीब सभी,
माँ के दर पे आते हैं,
रहमत का है ख़ज़ाना,
मेरी माई का दरबारा।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
(अंतरा 4)
मेरे दिल की बस दुआ है,
मेरी माँ के दर पे जाऊँ,
जीवन वहीं गुज़ारूँ,
कभी लौट के ना आऊँ,
गुणगान करूँ माँ का,
जीवन सफल बनाऊँ,
चरणों में अपनी माँ के,
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँ।
बस रात-दिन भवानी,
तेरा भजन मैं गाऊँ,
दुनिया को भूल तुझपे,
मैं वारी-वारी जाऊँ।
तक़दीर मुझे ले चल,
मैया जी की बस्ती में,
ये उम्र गुज़र जाए,
मैया जी की बस्ती में,
तक़दीर मुझे ले चल।
गरबा स्पेशल /TAKDIR MUJHE LE CHAL MAIYA JI KI BASTI MAIN/ शहनाज़ अख्तर - Whatsapp-07089042601