आज बिरज में होली रे होली खेले कन्हैया

आज बिरज में होली रे होली खेले कन्हैया

आयो रे आयो रे,
देखो मदन गोपाल,
भर पिचकारी,
लिये रंग गुलाल,
निकल बाहर राधा,
छोड़ेंगे ना आज
तोहे छोड़ेंगे ना आज,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया,
खेले कन्हैया होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।

रंग अबीर गुलाल उड़ाये,
भर भर के पिचकारी चलाये,
भीगी राधा की चोली रे,
होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।

आज कोई ना बच पायेगा,
होली के रंग में रंग जायेगा,
आयी ग्वालों की टोली रे,
होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।

सुन ओ बरसाने की छोरी,
तीखे नयन वाली ओ गौरी,
भगवत भी संग खेले होली रे,
होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।

आयो रे आयो रे,
देखो मदन गोपाल,
भर पिचकारी,
लिये रंग गुलाल,
निकल बाहर राधा,
छोड़ेंगे ना आज
तोहे छोड़ेंगे ना आज,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया,
खेले कन्हैया होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।
होली खेले कन्हैया,
खेले कन्हैया होली खेले कन्हैया,
आज बिरज में होली रे,
होली खेले कन्हैया।


Holi Special - आज बिरज में होली रे होली खेले कन्हैया | Holi Khele Kanhaiya by Bhagwat Kishore

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