आज तुम्हें कहन्दी है रुक्मण रानी
आज तुम्हें कहन्दी है रुक्मण रानी
आज तुम्हें कहती है,रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया,
आज तुम्हें कहती है,
रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया।
पिता मेरे ने मन में विचारा,
वर ले रुक्मण श्याम प्यारा,
भाई मेरे ने जुलम कमाया,
शिशुपाल वे आवन आ गया।
रुक्मण रानी लिख रही पाती,
श्याम सुन्दर,
मेरे बन जाओ साथी,
दासी तेरी अरज गुजरे,
शिशुपाल वे आवन आ गया।
विप्र तुर पड़े रात बाराती,
जा मोहन को दीनी पाती,
पाती पड़ कर ला ली छाती,
और रथ को खूब सजा लिया।
मोहन तुर पड़े सुबह सवेरे,
जा मन्दिर मे ला लाये डेरे,
रुक्मण आई करने पूजा,
बाजु पकड़ रथ मे बिठा लिया।
आज तुम्हें कहती है,
रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया,
आज तुम्हें कहती है,
रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया।
आज तुम्हें कहती है,
रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया,
आज तुम्हें कहती है,
रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया,
आवीं हारा वालेया।
Aj Tenu Kehndi e rukman raani