आयो फागण मास रंगीलो,क्यों तू देर लगावे है, क्यों तू देर लगावे है, मंदिर बाहर आ जावे सांवरे, काहे घबरावे है, आयो फागण मास रंगीलो।
दूर दूर से सेवक आया भाँती भाँती का रंग है ल्याया, म्हारा हाथ से लगवा ले तन्ने जो रंग भावे है मंदिर बाहर आ जावे सांवरे, काहे घबरावे है आयो फागण मास रंगीलो।
देख ले प्रेमी ज़िद पे अड़ा है चौखट पे तैयार खड़ा है आजा छोड़ सिंहासन को, काहे नखरो दिखावे है मंदिर बाहर आ जावे सांवरे, काहे घबरावे है आयो फागण मास रंगीलो।
सोच ले फागुन फिर नहीं आसी सुन ले इब तो बात ज़रा सी शिवम् सुनले अर्ज़ी म्हारी तेरो काई जावे है मंदिर बाहर आ जावे सांवरे, काहे घबरावे है आयो फागण मास रंगीलो।
आयो फागण मास रंगीलो, क्यों तू देर लगावे है, क्यों तू देर लगावे है, मंदिर बाहर आ जावे सांवरे, काहे घबरावे है, आयो फागण मास रंगीलो।
Fagun Special | आयो फागण मास रंगीलो क्यों तू देर लगावे है | Aayo Fagun Maas Rangilo | Aditi Parashar