छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है

छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है

राज पाट और ठाठ बाट के बीच याद तड़पाती है,
राज पाट और ठाठ बाट में गइयाँ याद आती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।

दास दासियाँ हाथ बाँध कर खड़े हुए है समाने,
लेकिन वो अंदन कहा जो था जलती छाव में,
हो मीठी लोरी ओ मैया की रोज सुलाने आती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।

बाल सखा और खेल तमाशे चोरी खाना ओ माखन,
मोह ना छूटे उन गलियों से जिनमें बीता है बचपन,
बलदाऊं की वो गल बहियाँ आँखे नम कर जाती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।

राधा के नैनों से बहती प्रेम की अविरल वो धारा,
श्याम सदा ऋणी रहेगा हे राधा रानी तुम्हारा,
बरसाने की वो पुरवाइयाँ अंतर मन छू जाती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।

वृन्दावन से बिछड़ के कन्हैया रंक हुये महाराज नहीं,
सब कुछ है पर कुछ भी नहीं है अपने जो है साथ नहीं,
बीते लम्हों की वो छैया दिल को बहुत सताती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।

राज पाट और ठाठ बाट के बीच याद तड़पाती है,
राज पाट और ठाठ बाट में गैया याद आती है,
छुप छुप रोते है कान्हा जब मैया याद आती है।



छुप छुप रोते हैं कान्हा जब मैया याद आती है , Chup Chup Rote Hain Kanha Jab Maiya Yaad Aati Hai

Next Post Previous Post