मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, माँ का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
दर बदर घूम कर, मैया के द्वार पर, मैंने झोली फैलाई, मजा आ गया, मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
सिंह पर बैठ कर, माँ भवानी चली, दुष्ट दानव पे, मां की दुधारी चली, रण में संहार कर, दुष्टों को मार कर, मुण्डमाला बनाई, मजा आ गया, मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
माँ की कृपा के, बादल बरस जायेंगे, सबके बिगड़े मुकद्दर, संवर जायेंगे, बात बन जायेगी, झोली भर जायेगी, माँ से आशा लगाई, मजा आ गया, मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
आसरा इस जहाँ में, मिले ना मिले, माँ के दर पे पदम को, ठिकाना मिले, आ गये द्वार माँ, कर दो उपकार माँ, माँ की महिमा को गाई, मजा आ गया, मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
माँ का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।
मां का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, माँ का दर चूमकर, सारे गम भूलकर, मैंने अर्जी लगाई, मजा आ गया।