सांवरे जब से देखा है तुझको
सांवरे जब से देखा है तुझको
सांवरे जब से देखा है तुझको,आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
तेरी नज़रों की मीठी छुरी से,
प्यारे घ्याल सी मैं हो गई हूँ,
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
बाँवरी सी अब मैं घूमती,
सब से तेरा पता पूछती हूँ,
ढूंढते ढूँढ़ते तुझको कान्हा,
ऐसा लगता है मैं खो गई हूँ,
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
मोटे नैनों से जादू चलाया,
रोग अच्छी भली को लगाया,
तेरी जब से ये बंसी सुनी है,
ना तो जगती हूँ ना तो सो रही हूँ,
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
ना दवाई कोई काम आये,
ना दुआ ही असर कुछ दिखाये,
तेरी यादो में जल जल कर,
अब तो काली काजल सी मैं हो गई हूँ,
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
सांवरे तू क्यों इतना सताये,
इस दीवानी पे क्यों जुल्म ढाए,
जिस के घुंघरू ही बिखरे पड़े हो,
ऐसी पागल सी मैं हो गई हूँ,
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
सांवरे जब से देखा है तुझको,
आधी पागल सी मैं हो गई हूँ।
Sanware Jab Se Dekha Hai Tujhko ( श्याम बाबा का बेहद प्यारा भजन ) Virender Sanwra #Saawariya