सरस्वती के पावन आँगन की
विद्या भारती का वार्षिक गीत 2023-24
सरस्वती के पावन आँगन की,
हम गुन्जित किलकारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।
सात स्वरों से साज सजाकर,
राज दिलों पर करते हैं,
नटखट चाल चलन बोली से,
सबके मन में रहते हैं,
मातु पिता गुरु आज्ञा पालन,
श्रद्धा सेवा धारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।
शेखर, बोस, जोरावर जैसे,
देश धर्म के सेनानी,
राष्ट्र की रक्षा पर बलि जायें,
सूर वीर हम बलिदानी,
रोम रोम में देश की सेवा,
की निकले चिनगारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।
ऊँच नीच का भेद मिटाकर,
आगे बढ़ते जायेंगे,
हिल मिल कर सब काम करेंगे,
अपना धर्म निभायेंगे,
वैभव होगा भारत माँ का,
हम लें जिम्मेदारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।
सरस्वती के पावन आँगन की,
हम गुन्जित किलकारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।सरस्वती के पावन आँगन की,
हम गुन्जित किलकारी,
भारत भाल सजाने वाले,
नन्ही नन्ही फुलवारी।
Saraswati Ke Pawan Aangan Ki Hum Gunjit Kilkari
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