आप आये नहीं और सुबह हो गई, मेरी पूजा की थाली धरी रह गई, भोग रखा रहा फूल मुरझा गये, आरती भी धरी की धरी रह गई।
हमसे रूठे हो क्यों आप आते नहीं, मेरा अपराध क्या है बता, रोते रोते मेरी सांसे रुकने लगी, क्या बुलाने में मेरी कमी रह गई, आप आये नहीं और सुबह हो गई, मेरी पूजा की थाली धरी रह गई, आप आए नहीं और सुबह हो गई।