Choudahavi Ka Chand Ho Meaning Lyrics चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो मीनिंग लिरिक्स

"Chaudhavin Ka Chand" is a undying classic within the Indian film enterprise. The music "Chaudhavin Ka Chand Ho" is still remembered and loved by way of many music fanatics today, and the film itself is considered one of the greatest examples of Indian cinema. Shakeel Badayuni's poetic lyrics and Ravi Shankar's beautiful composition, combined with Mohammad Rafi's soulful voice, made "Chaudhavin Ka Chand Ho" an unforgettable tune that stays famous even after greater than six many years.

Choudahavi Ka Chand Ho Meaning Lyrics चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो मीनिंग लिरिक्स

Choudhavi Ka Chand Ho Ya Aaftab Ho Lyrics
 
Choudahavi Ka Chand Ho Meaning Lyrics चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो मीनिंग लिरिक्स

चौदहवीं का चाँद हो,
या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम,
लाजवाब हो।

ज़ुल्फ़ें हैं जैसे कांधो पे बादल झुके हुए
आँखे हैं जैसे मय के पयाले भरे हुए
मस्ती है जिस में प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो,
या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम,
लाजवाब हो।

चेहरा है जैसे झील में हंसता हुआ कंवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेडी हुई ग़ज़ल
जान-ए-बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो
चौदहवीं का चाँद हो,
या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम,
लाजवाब हो।

होंठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कहकशा
दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क का तुम ही शबाब हो
चौदहवीं का चाँद हो,
या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम,
लाजवाब हो। 

Choudahavi Ka Chand Ho Meaning Lyrics चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो मीनिंग लिरिक्स

चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो
(Whether it is the full moon of the fourteenth night or the radiant sun)
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम लाजवाब हो
ज़ुल्फ़ें हैं जैसे कांधो पे बादल झुके हुए - Your hair is like clouds resting on your shoulders,
आँखे हैं जैसे मय के पयाले भरे हुए - Your eyes are like cups filled with wine,
मस्ती है जिस में प्यार की तुम वो शराब हो - You are the wine that is full of the intoxication of love.
चेहरा है जैसे झील में हंसता हुआ कंवल - Your face is like a lotus blooming in a lake,
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेडी हुई ग़ज़ल - Or like a melody that is played on the instrument of life,
जान-ए-बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो - You are the soul of spring, like a poet's dream.
चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम लाजवाब हो

Meaning: Whether you are the full moon of the fourteenth night or the shining sun, whichever you may be, I swear by God, you are incomparable.

ज़ुल्फ़ें हैं जैसे कांधो पे बादल झुके हुए
आँखे हैं जैसे मय के पयाले भरे हुए
मस्ती है जिस में प्यार की तुम वो शराब हो

Meaning: Your tresses are like clouds that have gathered on your shoulders, your eyes are like goblets filled with intoxicating wine of love, you are the joy that carries the essence of love.

चेहरा है जैसे झील में हंसता हुआ कंवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेडी हुई ग़ज़ल
जान-ए-बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो

Meaning: Your face is like a smiling water lily in a lake, or like a poem that is weaved on the instrument of life. You are the dream of a poet that came to life.
होंठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कहकशा
दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क का तुम ही शबाब हो

Meaning: Your lips are like lightning bolts that play with the flowers of your smile, the stars in the sky bow down to your radiance. You are the youthfulness of the world of beauty and love.



Chaudhavin Ka Chand Ho - Guru Dutt, Mohammed Rafi, Chaudhavin Ka Chand SongThe film features beautiful songs composed by Ravi and lyrics written by Shakeel Badayuni, including the famous title song "Chaudhvin Ka Chand Ho."
Ghazal by Jagjit Singh:
चौदहवीं की रात हो,
याद बहुत आए तेरी,
जान थीं हमारी मगर,
हम जाने किस से थीं तेरी।
Song from the film "Chaudhavin Ka Chand" (1960):
चौदहवीं का चाँद हो, या आफताब हो,
जो भी हो तुम खुश रहना, तुम्हारी हैं ये शामें।
Shayari by Mirza Ghalib:
चौदहवीं की चाँदनी में वो एक अदा है,
क्या लिखूँ कि तेरा नाम लिखते ही मेरा नाम मिट जाता है।
Ghazal by Gulzar:
चौदहवीं का चाँद है जो, अब तक तेरी तरह जलता है,
दर्द-ए-जुदाई के बादलों से उसे थोड़ा सा मत डराओ।
Song from the film "Gumnaam" (1965):
चौदहवीं का चाँद हो, या आफताब हो,
जो भी हो तुम खुश रहना, तुम्हारी हैं ये शामें।
Shayari by Javed Akhtar:
चौदहवीं की रात की दिशा में जाने क्या देखा होगा,
जब चंदा समंदर में डूबे तो क्या होगा।
Ghazal by Nida Fazli:
चौदहवीं का चाँद आसमान में निकला हुआ होता है,
हम जैसे लोगों के लिए ये जहाँ तो खुशी का समुंदर होता है।


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