बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो, ऊके भरोसे बैठयो रहयो तो, भूखो ही रह जावैलो, आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की, थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, उपर घी की बाटकी, जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।
बार बार मंदिर न जुड़ती, बार बार में खोलती, कइयां कोनी जीमे रे मोहन, करडी करडी बोलती, तू जीमे तो जद मैं जिमूं, मानू ना कोई लाट की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाटी की, थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, उपर घी की बाटकी, जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।
भक्ति हो तो करमा जैसी, सावरियों घर आवेलो, भक्ति भाव से पूर्ण होकर, हर्ष हर्ष गुण गावेलो, सांचो प्रेम प्रभु से हो तो, मूरत बोले काठ की, थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, उपर घी की बाटकी, जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।