वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे लिरिक्स Vari Jaau Re Balihari Jaau Lyrics

वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे लिरिक्स Vari Jaau Re Balihari Jaau Lyrics, Kabir Bhajan / Wari Jaau Re Balihari Jau Re Prahlaad Singh Tipania

साखी:-
सद्गुरु आवत देखिया,जाजम दिखनी डाल।
फूलन की बिरखा भई रही चमेली चाल ।।
सद्गुरु के दरबार में, कमी कहू कि नाही।
बंदा मोज ना पाविया वाकी चूक चाकरी माय।।
सद्गुरु हमारे एक हैं, तुम लग मेरी डोर।
जैसे कागज जहाज पे मोहे सूझे और ना ठोर।।
भजन:-
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे,
म्हारा सद्गुरु आंगन आया में वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे…..
सद्गुरु आंगन आया गंगा गोमती लाया,
म्हारी निर्मल हो गई काया मैं वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे,
सब सखी मिल कर हालो केसर तिलक लगा लो,
घणा हेत से लेवो बधाई मैं वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे..…..
मैं सत्संगी बण गई भारी मंगला गांऊं चारी,
म्हारी खुली हृदय की ताली में वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे…….
सद्गुरु दर्शन दिना म्हारा भाग्य उदय ही किना,
म्हारा करम भरम सब छीना मैं वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे…...
दास नारायण जस गायो चरणों में शीश नमायो
म्हारा सद्गुरु पार उतारो में वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे…….
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे,
दास नारायण जस गायो चरणों में शीश नमायो
म्हारा सद्गुरु पार उतारो में वारी जाऊं रे
वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे,




वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे ll Vari Jaon Re Baliharai Jaon Re ll by prahlad Singh Tipanya

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