आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं लिरिक्स Aarti Jagnagani Teri Gaau Lyrics

यह भजन "आरती जगजननी" जगदम्बा की महिमा को समर्पित है और इसे हमारे देश भारत की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक माना जाता है। यह भजन देवी जगदम्बा के शक्तिशाली रूप, उनकी कृपा, और उनकी पूजा के महत्व के बारे में गायन है। इस भजन में समर्पण और विनम्रता का भाव भी अभिव्यक्त होता है। यह भजन हर उस व्यक्ति के लिए एक ध्येय है जो देवी जगदम्बा की पूजा करता है और उनसे उनकी कृपा की प्रार्थना करता है।

आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं लिरिक्स Aarti Jagnagani Teri Gaau Lyrics

आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं,
तुम बिन कौन सुने वरदाती,
किसको जाकर विनय सुनाऊं,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

असुरों ने देवों को सताया,
तुमने रूप धरा महामाया,
उसी रूप का मैं दर्शन चाहूँ,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

रक्तबीज मधुकैटब मारे,
अपने भक्तों में काज सँवारे,
मैं भी तेरा दास कहाऊं,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

आरती तेरी करूँ वरदाती,
हृदय का दीपक नैनो की बाती,
निसदिन प्रेम की ज्योति जगाऊं,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

ध्यानु भक्त मैया तेरा यश गाया,
जिस ध्याया मैया उस फल पाया,
मैं भी दर तेरे शीश झुकाऊं,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

आरती तेरी माँ जो कोई गावे,
चमन सभी सुख सम्पति पावे,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।

आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं,
तुम बिन कौन सुने वरदाती,
किसको जाकर विनय सुनाऊं,
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।।
 



Jagjanani Maa Ki Aarti || Abhishek Soni || Devotional Singer ||

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