आरती जय जय माँ चंद्रघंटा लिरिक्स मीनिंग Chandraghanta Mata Aarti Lyrics

चंद्रघंटा माता हिंदू देवी हैं और नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाती हैं। उनका नाम "चंद्र" और "घंटा" शब्दों से बना है, जिसका अर्थ है चाँद और घंटा। चंद्रघंटा माता को देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक माना जाता है। उन्हें दोनों हाथों में कटार लेकर दिखाया जाता है जो उनके शक्ति और साहस को दर्शाते हैं। चंद्रघंटा माता को शांत स्वभाव वाली माँ माना जाता है, जिनकी कृपा से सभी भक्तों की समस्याएं दूर होती हैं।
उनके मंत्र का उच्चारण करने से शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। चंद्रघंटा माता की पूजा से निश्चित रूप से भक्त को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

आरती जय जय माँ चंद्रघंटा लिरिक्स Chandraghanta Mata Aarti Lyrics

जय जयति चंद्रघंटा,
माँ जयति चंद्रघंटा,
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,
सृष्टि में डंका,
जय जयति चंद्रघंटा।

दस भुजा मात के सोहे,
खड़ग खप्पर धारी,
मैया खड़ग खप्परधारी,
घंटा माथे विराजे,
घंटा माथे विराजे,
अर्धचंद्र साजे
जय जयति चंद्रघंटा।

सिंह वाहिनी देवी,
दानव संहारी,
मैया दानव संहारी,
छवि अनुपम हे मैया,
छवि अनुपम हे मैया,
शक्ति अवतारी,
जय जयति चंद्रघंटा।

धर्म की रक्षक जननी,
पाप का अंत करे,
मैया पाप का अंत करे,
देख के शक्ति माँ की,
देख के शक्ति माँ की,
काल भी स्वयं डरे,
जय जयति चंद्रघंटा।

घंटा शंख मृदंग,
माँ तेरे दर बाजे,
मैया तेरे दर बाजे,
हीरे मोती पन्ने,
हीरे मोती पन्ने,
चरणों में राजे,
जय जयति चंद्रघंटा।

श्रद्धा भक्ति से जो भी,
मैया को ध्याता,
देखो मैया को ध्याता,
भक्त वो मन वांछित फल,
भक्त वो मन वांछित फल,
मैया से पाता,
जय जयति चंद्रघंटा।

नवदुर्गा में मैया,
तीजा तेरा स्थान,
मैया तीजा तेरा स्थान,
तीजे नवरात्रि को माँ,
तीजे नवरात्रि को माँ,
भक्त धरें तेरा ध्यान,
जय जयति चंद्रघंटा।

तीजे नवरात्रे को माँ,
व्रत जो तेरा धारे,
मैया व्रत जो तेरा धारे,
सिद्ध कामना होती,
सिद्ध कामना होती,
भव निधि से तारे,
जय जयति चंद्रघंटा।

हाथ जोड़कर कर,
विनती है इतनी माता,
तुमसे है माता,
भक्ति अपनी देना,
भक्ति अपनी देना,
और ना कुछ चाहता,
जय जयति चंद्रघंटा।

जय जयति चंद्रघंटा,
माँ जयति चंद्रघंटा,
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,
सृष्टि में डंका,
जय जयति चंद्रघंटा।

Chandraghanta Mata Aarti Meaning with Lyrics

जय जयति चंद्रघंटा,
माँ जयति चंद्रघंटा।

चंद्रघंटा माँ को जय जय कहते हुए नमन किया जाता है।
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,

इस पंक्ति में कहा गया है कि माँ चंद्रघंटा के नाम का बजना, अर्थात् उन्हें याद करने से सृष्टि में शांति और समृद्धि होती है।
सृष्टि में डंका,
जय जयति चंद्रघंटा।

इस पंक्ति में कहा गया है कि जब माँ चंद्रघंटा के नाम का बजना होता है तो सृष्टि में डंका बजता है और उनके नाम से सृष्टि में शांति होती है। इस पंक्ति के आखिरी शब्दों में फिर से माँ चंद्रघंटा को जय जय कहा गया है।

दस भुजा मात के सोहे,
इस पंक्ति में कहा गया है कि माँ चंद्रघंटा दस भुजाओं वाली माता हैं।
खड़ग खप्पर धारी,
मैया खड़ग खप्परधारी,

इस पंक्ति में कहा गया है कि माँ चंद्रघंटा खड़ग और खप्पर धारण करती हैं। खड़ग उनकी एक भुजा में होता है जो उनके शक्ति का प्रतीक होता है, जबकि खप्पर उनकी दूसरी भुजा में होता है जो उनकी रक्षा का प्रतीक होता है।

घंटा माथे विराजे, घंटा माथे विराजे,

इस पंक्ति में कहा गया है कि माँ चंद्रघंटा के माथे पर घंटा सजा हुआ होता है। इससे यह संकेत मिलता है कि माँ चंद्रघंटा अपनी संपूर्ण शक्ति से सभी दिशाओं में विद्यमान होती हैं और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती हैं।
अर्धचंद्र साजे जय जयति चंद्रघंटा।
इस पंक्ति में कहा गया है कि माँ चंद्रघंटा की मांग पर अर्धचंद्र साजा होता है, जो उनकी शक्ति को दर्शाता है
सिंह वाहिनी देवी,
दानव संहारी,
मैया दानव संहारी,
छवि अनुपम हे मैया,
छवि अनुपम हे मैया,
शक्ति अवतारी,
जय जयति चंद्रघंटा।

सिंह वाहिनी देवी - माता चंद्रघंटा जिनकी सवारी एक सिंह है,
दानव संहारी - वे दानवों को मारने वाली हैं,
मैया दानव संहारी - हे माँ, आप दानवों को मारने वाली हैं,
छवि अनुपम हे मैया - हे माँ, आपकी छवि अनुपम है,
शक्ति अवतारी - आप शक्ति के अवतार हैं,
जय जयति चंद्रघंटा। - जय हो माता चंद्रघंटा।
धर्म की रक्षक जननी - जो धर्म की रक्षा करती हैं
पाप का अंत करे - जो पाप को खत्म करती हैं
मैया पाप का अंत करे - यह माता जो पाप को खत्म करती हैं
देख के शक्ति माँ की - इस माँ की शक्ति को देखकर
काल भी स्वयं डरे - काल भी डरता है इस माँ की शक्ति से
जय जयति चंद्रघंटा - जय जय करते हैं इस चंद्रघंटा माता को।
घंटा शंख मृदंग,
माँ तेरे दर बाजे,
मैया तेरे दर बाजे,
हीरे मोती पन्ने,
हीरे मोती पन्ने,
चरणों में राजे,
जय जयति चंद्रघंटा।

अर्थ:
घंटा, शंख और मृदंग बजते हुए,
माँ, तेरे दर बजते हुए हैं।
मैया, तेरे दर बजते हुए हैं।
तेरे चरणों में हीरे, मोती और पन्ने हैं,
तेरे चरणों में स्थापित हैं।
जय हो, जयति हो, चंद्रघंटा माँ।
श्रद्धा भक्ति से जो भी,
मैया को ध्याता,
देखो मैया को ध्याता,
भक्त वो मन वांछित फल,
भक्त वो मन वांछित फल,
मैया से पाता,
जय जयति चंद्रघंटा।


अर्थ:
जो कोई श्रद्धा और भक्ति से माँ चंद्रघंटा का ध्यान करता है,
उसे माँ का आशीर्वाद मिलता है।
वह अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करता हुआ माँ से प्राप्त करता है।
जय जयति चंद्रघंटा। - यह उसका जयकार है
नवदुर्गा में मैया - मैया नवदुर्गा में हैं
तीजा तेरा स्थान - तीजे नवरात्रि में तेरा स्थान हैं
मैया तीजा तेरा स्थान - मैया, तीजे नवरात्रि में तेरा स्थान हैं
तीजे नवरात्रि को माँ - तीजे नवरात्रि को माँ
तीजे नवरात्रि को माँ - तीजे नवरात्रि को माँ
भक्त धरें तेरा ध्यान - भक्त तेरे ध्यान में रहेंगे
जय जयति चंद्रघंटा - जय हो चंद्रघंटा!
तीजे नवरात्रे को माँ - माँ, तीसरे नवरात्र में
व्रत जो तेरा धारे - जो आपका व्रत रखते हैं
मैया व्रत जो तेरा धारे - माँ, जो आपका व्रत रखते हैं
सिद्ध कामना होती - उनकी सिद्ध कामनाएं पूरी होती हैं
सिद्ध कामना होती - उनकी सिद्ध कामनाएं पूरी होती हैं
भव निधि से तारे - वे जन्म-मृत्यु के चक्र से बच जाते हैं
जय जयति चंद्रघंटा। - जय हो, जय हो चंद्रघंटा की!
हाथ जोड़कर कर - मैं हाथ जोड़कर आपसे अनुरोध करता हूं
विनती है इतनी माता - माँ, यह मेरी विनती है
तुमसे है माता - आप मेरी माँ हैं
भक्ति अपनी देना - मैं अपनी भक्ति आपको देना चाहता हूं
भक्ति अपनी देना - मैं अपनी भक्ति आपको देना चाहता हूं
और ना कुछ चाहता - और कुछ नहीं चाहता
जय जयति चंद्रघंटा। - जय हो, जय हो चंद्रघंटा की!
जय जयति चंद्रघंटा - जय हो, जय हो चंद्रघंटा की!
माँ जयति चंद्रघंटा - माँ जय हो, चंद्रघंटा की!
 



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