मेरी मैया सुनती पुकार माता भजन

मेरी मैया सुनती पुकार माता भजन

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(मुखड़ा)
मेरी मैया सुनती पुकार,
कोई जब राह न पाए,
तेरे दर आए, के चरणों में शीश झुकाए।
(अंतरा)
तेरे दर का यही है दस्तूर,
मुँह माँगा है मिलता जरूर,
नाम तेरा जप ले तो, सब दुख दूर।
कोई काहे ठोकर खाए,
तेरे दर आए, के चरणों में शीश झुकाए।
(अंतरा)
मैया जी तेरे कई रूप हजार,
जानता है ये सारा संसार,
पल में है करती, तू दुष्टों का संहार।
कोई जब दर्शन पाए,
तेरे दर आए, के चरणों में शीश झुकाए।
(अंतरा)
मोह माया का सारा ही जहान,
दुनिया में हर कोई परेशान,
शरण तेरी जो रहता, वही है इंसान।
सहगल भजन ये गाए,
तेरे दर आए, के चरणों में शीश झुकाए।
(पुनरावृति)
कोई जब राह न पाए,
तेरे दर आए,
के चरणों में शीश झुकाए,
मेरी मैया सुनती पुकार।
मैया भक्तों की पुकार सुनकर दुख दूर करती है।  उसके दर पर शीश झुकाने से हर संकट टल जाता है।  यह भजन माँ की महिमा और भक्ति का गान है।


मेरी मईया सुनती पुकार | Latest Mata Ka Bhajan | by Narender Sehgal | full HD
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