ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन लिरिक्स Aisi Lagi Lagan Meera Lyrics

Meera Bai (मीरा बाई) भारतीय संत और कवियत्री थीं। वे राजपूताना के मेडता रियासत में जन्मी थीं और उनकी जन्म तिथि 1498 ई. है।
मीरा बाई ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भगवान कृष्ण के भक्ति और प्रेम का संदेश दिया। उनकी रचनाएं विभिन्न भाषाओं में लिखी गईं थीं, जैसे हिंदी, ब्रजभाषा, अवधी और संस्कृत आदि।
उनकी रचनाओं में भक्ति और प्रेम की भावना स्पष्ट रूप से दिखती है। उन्होंने अपने भजनों के माध्यम से भगवान कृष्ण की महिमा का गान किया और उन्हें अपने जीवन का मार्गदर्शन माना।

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन लिरिक्स Aisi Lagi Lagan Meera Lyrics

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन
है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,
है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे ।
बेकार वो मुख है जो व्यर्थ बातों में,
मुख है वो जो हरी नाम का सुमिरन किया करे ॥
हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की,
है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे ।
मर के भी अमर नाम है उस जीव का जग में,
प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे ॥

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥

महलों में पली, बन के जोगन चली ।
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ॥

कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
बैठी संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,
मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥

राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।
दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥

Aisi Laagi Lagan Meera Ho Gayi Magan : Anup Jalota Bhajan Full Lyrics

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन लिरिक्स Aisi Lagi Lagan Meera Lyrics

है आँख वो जो,
श्याम का दर्शन किया करे,
है शीश जो प्रभु चरण में,
वंदन किया करे,
बेकार वो मुख है,
जो रहे व्यर्थ बातों में,
मुख है वो जो हरी नाम का,
सुमिरन किया करे।
हीरे मोती से नहीं,
शोभा है हाथ की,
है हाथ जो भगवान का,
पुजन किया करे,
मर कर भी अमर नाम है,
उस जीव का जग में,
प्रभु प्रेम में बलिदान जो,
जीवन किया करे।

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,
वो तो गली गली,
हरी गुण गाने लगी।
महलों में पली,
बन के जोगन चली,
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी,
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन।

कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी,
बैठ संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,
मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी,
वो तो गली गली,
हरी गुण गाने लगी,
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन।

राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी,
दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी,
वो तो गली गली,
हरी गुण गाने लगी,
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन।

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,
वो तो गली गली,
हरी गुण गाने लगी।
महलों में पली,
बन के जोगन चली,
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी,
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन।
 



Anup Jalota - Aisi Lagi Lagan Meera Ho Gayi Magan | Krishna Bhajan

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Aisi Lagi Lagan Meera Ho Gayi magan Meanin in English

This is a bhajan (devotional song) by Anup Jalota that praises Lord Krishna and tells the story of Meera, a devotee of Lord Krishna. Here is the line-by-line meaning in easy English:

है आँख वो जो, श्याम का दर्शन किया करे - The eyes that look upon Lord Krishna's dark complexion
है शीश जो प्रभु चरण में, वंदन किया करे - The head that bows down to Lord Krishna's feet in reverence
बेकार वो मुख है, जो रहे व्यर्थ बातों में - The mouth that speaks useless words is useless
मुख है वो जो हरी नाम का, सुमिरन किया करे। - The mouth that chants Lord Krishna's name is valuable
हीरे मोती से नहीं, शोभा है हाथ की - The beauty of the hand is not in gems and pearls
है हाथ जो भगवान का, पुजन किया करे - The hand that worships God is valuable
मर कर भी अमर नाम है, उस जीव का जग में - Even after death, the name of the soul who sacrificed themselves in love of God is immortal in this world
प्रभु प्रेम में बलिदान जो, जीवन किया करे। - The one who sacrifices their life for the love of God, lives a meaningful life
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन - Such was the love for God that Meera became absorbed in it
वो तो गली गली, हरी गुण गाने लगी। - She started singing the praises of Lord Krishna in every street
महलों में पली, बन के जोगन चली - She left the palace and walked on the path of devotion
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी - Meera, the queen, became known as a devotee of God
कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं, मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी - No one could stop her, and she continued to sing the praises of Lord Krishna
राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया, Rana gave her poison, but Meera drank it as if it were nectar,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी, Meera became like a river that merges with the ocean,
दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे, She has endured countless sorrows, yet she continues to chant the name of Govind (God),
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी। Meera began to sing the praises of Govind (God) and Gopal (Krishna). The final verse repeats the chorus and concludes the song:

ऐसी लागी लगन, Meera is so deeply absorbed in love for God,
मीरा हो गयी मगन, that she has become completely immersed in it,
वो तो गली गली, She sings the glories of Hari (God) in every lane and bylane,
हरी गुण गाने लगी, and she has begun to sing His praises,
ऐसी लागी लगन, Meera is so deeply absorbed in love for God,
मीरा हो गयी मगन। that she has become completely immersed in it.

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About Aisi Lagi Lagan Bhajan

"Aisi Lagi Lagan" is a popular bhajan sung by the renowned Indian musician and singer Anup Jalota. The bhajan is dedicated to Lord Krishna and portrays the devotion and love of Meerabai, a saint and poetess who is known for her devotion to Lord Krishna.

The lyrics of the bhajan "Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gayi Magan" describe how Meera, overwhelmed by her devotion to Lord Krishna, has become completely absorbed in him. She has lost all interest in worldly affairs and is completely devoted to the love and worship of her Lord.

Anup Jalota's rendition of the bhajan is particularly popular for its soulful and melodious tune, which captures the essence of devotion and surrender to God. The bhajan has become a timeless classic in the world of devotional music and continues to be loved and cherished by music lovers across generations.
 
The authorship of the bhajan "Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gayi Magan" is attributed to the 16th-century poet and saint Meerabai. She was a devout follower of Lord Krishna and composed many bhajans and poems expressing her love and devotion to him. Her works have become an integral part of the devotional music and literature in India and continue to inspire millions of people to this day.
मीरा बाई का जीवन श्री कृष्ण जी को समर्पित है और वे बचपन से ही भगवान कृष्ण के भक्त रही और उन्हें ही अपना नाथ स्वीकार किया.
मीरा बाई राजपूत कुल में पैदा हुईं थीं और उनके पिता का नाम रतन सिंह था। उनकी शिक्षा के लिए एक गुरु की तलाश में उन्हें आरम्भिक शिक्षा मिली, जिससे उन्होंने संस्कृत, अवधी और ब्रजभाषा का ज्ञान प्राप्त किया।
मीरा बाई के विवाह का विषय भी बहुत रोमांचक था। उन्होंने जब अपना विवाह नहीं करने का निर्णय लिया तो उन्हें परिवार वालों और समाज की आपत्ति का सामना करना पड़ा।
मीरा बाई के विवाह के बाद भी उनका जीवन अधिकतर समय भगवान कृष्ण के भक्ति में व्यतीत हुआ। उन्होंने लोगों को भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा बताने के लिए अपने भजनों का प्रचार किया।
 
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