मैया लाल देवी दरबार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
रानी के बाद मैया का मंदिर,
लाल भवानी बैठी भवन के अंदर,
यहाँ सीस झुकावे संसार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती,
मैया लाल देवी दरबार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार।
माँ ये छिन्मस्तिका अवतारी,
मंगल करनी लाल दातारी,
डाले सबकी झोली लाल,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
सब बच्चों की ये महतारी,
इसकी सेवा रीत है न्यारी,
बृज वासन को सेवा अधिकार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
मोहन दास जो दर पे आवे,
दास मधुप जो दर पे आवे,
गोदी बिठाये माँ और लाड लडावे,
देवे आशीष और करे प्यार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
मैया लाल देवी दरबार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
रानी के बाद मैया का मंदिर,
लाल भवानी बैठी भवन के अंदर,
यहाँ सीस झुकावे संसार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती,
मैया लाल देवी दरबार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार।
माँ ये छिन्मस्तिका अवतारी,
मंगल करनी लाल दातारी,
डाले सबकी झोली लाल,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
सब बच्चों की ये महतारी,
इसकी सेवा रीत है न्यारी,
बृज वासन को सेवा अधिकार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
मोहन दास जो दर पे आवे,
दास मधुप जो दर पे आवे,
गोदी बिठाये माँ और लाड लडावे,
देवे आशीष और करे प्यार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
मैया लाल देवी दरबार,
माँ की महिमा बड़ी अपरम्पार,
ये झोलियाँ सबकी भरती,
आस पूर्ण सब करती।
Mayiya Lal Devi Darbaar |Tinu Singh| | Phagwara PB| | Radha Krishan Bhajans|
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