राधा आई सखियां आयी,
मोहन के संग ग्वाले,
वृन्दावन में सबने देखो,
तन मन है रंग डाले,
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
कोरा कोरा कलश मंगाकर,
उसमे रंग घुलवाना,
लाल गुलाबी नीला पीला,
केसर रंग मिलवाना,
बच बच के रहना उनकी,
टेढ़ी मेढ़ी चाल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
लायेंगे वो संग में अपने,
ग्वाल बाल की टोली,
मैं भी रंग अबीर मलूंगी,
और माथे पर रोली,
गायेंगे फाग मिलके,
झिका खड़ताल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
श्याम पिया की बजे बांसुरिया,
ग्वालो के मजीरे,
चंग बजावे ललिता नाचे,
राधा धीरे धीरे,
गायेंगे भजन सुहाणे,
हम भी सुरताल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
ये झोली भर लो भक्तो,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
राधा आई सखियां आयी,
मोहन के संग ग्वाले,
वृन्दावन में सबने देखो,
तन मन है रंग डाले,
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
मोहन के संग ग्वाले,
वृन्दावन में सबने देखो,
तन मन है रंग डाले,
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
कोरा कोरा कलश मंगाकर,
उसमे रंग घुलवाना,
लाल गुलाबी नीला पीला,
केसर रंग मिलवाना,
बच बच के रहना उनकी,
टेढ़ी मेढ़ी चाल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
लायेंगे वो संग में अपने,
ग्वाल बाल की टोली,
मैं भी रंग अबीर मलूंगी,
और माथे पर रोली,
गायेंगे फाग मिलके,
झिका खड़ताल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
श्याम पिया की बजे बांसुरिया,
ग्वालो के मजीरे,
चंग बजावे ललिता नाचे,
राधा धीरे धीरे,
गायेंगे भजन सुहाणे,
हम भी सुरताल से,
होली खेलांगा आपा,
गिरधर गोपाल से,
ये झोली भर लो भक्तो,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
राधा आई सखियां आयी,
मोहन के संग ग्वाले,
वृन्दावन में सबने देखो,
तन मन है रंग डाले,
तुम झोली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से,
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
तुम झौली भर लो भक्तों,
रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपां,
गिरधर गोपाल से।
Provided to YouTube by Super Cassettes Industries Limited
Tum Jholi Bhar Lo Bhakto · Lakhbir Singh Lakkha
Shyam Bhakti Sangrah
℗ Super Cassettes Industries Limited
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं