श्याम को अलबेलो दरबार लिरिक्स Shyam Ko Albelo Darbar Krishna Bhajan
श्याम को अलबेलो दरबार,
खाटू को अलबेलो दरबार,
यहां विराजे शीश को दानी,
कलयुग को अवतार,
श्याम का अलबेला दरबार।
खाटू का मंदिर है निराला,
वहाँ पे रहता डमरू वाला,
दोड्या पे हनुमान खड़े है,
परमानेंट सरकार,
श्याम का अलबेला दरबार।
सुबह श्याम वहां होती आरती,
भक्तों की वहां भीड़ लागती,
मंदिर आगे कीर्तन होता,
गूंजे जय जय कार,
श्याम का अलबेला दरबार।
सुनील शर्मा दिंगाड़ियाँ कहता,
खाली झोली सांवरा भरता,
शेखावत दिनेश बोले
भर देता ये भण्डार,
श्याम का अलबेला दरबार।
श्याम को अलबेलो दरबार,
खाटू को अलबेलो दरबार,
यहां विराजे शीश को दानी,
कलयुग को अवतार,
श्याम का अलबेला दरबार।श्याम को अलबेलो दरबार,
खाटू को अलबेलो दरबार,
यहां विराजे शीश को दानी,
कलयुग को अवतार,
श्याम का अलबेला दरबार।
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