अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ों में,
पर ध्यान रखती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
जब भी पुकारू मैं,
मां दौड़ कर आये,
चांदी का सिंहासन,
मां छोड़कर आये,
अपने भक्तों पर कितना,
उपकार करती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
करती है रखवाली,
दिन रात भक्तों की,
सुनती हमेशा मां,
फरियाद भक्तों की,
मझधार में हो नैया,
मां पार करती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
हम मांगते रहते,
मां झोली भरती है,
भक्तों की हालत को,
मां देखती रहती है,
भक्तों की खाली झोली,
हर बार भरती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
कर्जा तुम्हारा मां,
कैसे उतारेंगे,
बनवारी सेवा में,
जीवन गुजारेंगे,
सर को झुका के मैया,
आंखें बरसती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ों में,
पर ध्यान रखती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ों में,
पर ध्यान रखती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
जब भी पुकारू मैं,
मां दौड़ कर आये,
चांदी का सिंहासन,
मां छोड़कर आये,
अपने भक्तों पर कितना,
उपकार करती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
करती है रखवाली,
दिन रात भक्तों की,
सुनती हमेशा मां,
फरियाद भक्तों की,
मझधार में हो नैया,
मां पार करती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
हम मांगते रहते,
मां झोली भरती है,
भक्तों की हालत को,
मां देखती रहती है,
भक्तों की खाली झोली,
हर बार भरती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
कर्जा तुम्हारा मां,
कैसे उतारेंगे,
बनवारी सेवा में,
जीवन गुजारेंगे,
सर को झुका के मैया,
आंखें बरसती है,
रहती है पहाड़ों पे,
पर ध्यान रखती है।
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ों में,
पर ध्यान रखती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है, ये है सर्वश्रेष्ठ भजन
सभी भक्तों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि अगर आपको हमारे भजन अच्छे लगते हैं तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखकर बताएं कि आपको हमारे भजन कैसे लगते हैं,,वैल्कम डियर,,
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