बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
प्रेम की ऐसी बहायी है धारा,
डूबे हुए को मिला है किनारा,
तेरे प्यार में खिचते आये हैं हम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
नाम सच्चे का रस है पिलाया,
मालिक से सतगुरु तुमने मिलाया,
चरणों से तेरे न बिछड़ेंगे हम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
कितनी है हम पर रेहमत तेरी,
पल पल करते हो रक्षा मेरी,
तुम्हारे सहारे बढ़ते कदम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
प्रीत की डोरी से बांधा है तुमने,
पकड़ा है दामन प्रभु तेरा हमने,
तेरे प्यार में दासा खुश हरदम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम,
बड़े ही दयालू हो गुरुदेव तुम,
तुम्हारी दया से गम होते गुम।
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