होली खेलन आयो कान्हा लिरिक्स Holi Khelan Aayo Kanha Lyrics
होली खेलन आयो कान्हा लिरिक्स Holi Khelan Aayo Kanha Lyrics
होली खेलन आयो कान्हा,होली खेल आयो रे कान्हा,
राधा छुपी क्यों चढ़ के अटरिया,
काहे को शरमाये रे,
होली खेल आयो रे कान्हा,
होली खेलन आयो रे कान्हा।
सुबह सवेरे तुम्हारे उठ कर,
द्वारे रची रंगोली,
इतरते तुम घूम रहे थे,
आएंगे हमजोली,
मन की मुराद तेरी हुई,
पुरी हमजोली आन,
होली खेल आयो रे कान्हा,
होली खेलन आयो रे कान्हा।
घेरे खड़ी कान्हा को गोपी,
देख तेरे बरसाने की,
लेकिन साडे कान्हा केवल,
तुम्हें को रंग लगाने की,
कहे को तडपे तू भी बावरी,
काहे यू तड़पाये रे,
होली खेल आयो रे कान्हा,
होली खेलन आयो रे कान्हा।
एक बरस तू जिसको तरसी,
होली है ये होली,
आज भी तुम शर्माती रही तो,
होली से फिर होली,
बहार निकल के देख सांवरिया,
बैठे आस लगे,
होली खेल आयो रे कान्हा,
होली खेलन आयो रे कान्हा।
होली खेलन आयो कान्हा,
होली खेल आयो रे कान्हा,
राधा छुपी क्यों चढ़ के अटरिया,
काहे को शरमाये रे,
होली खेल आयो रे कान्हा,
होली खेलन आयो रे कान्हा।