ईश्वर एक ही है पूजा अलग अलग होती है
ईश्वर एक ही है,
पूजा अलग अलग होती है,
ब्रह्मा को मना लो,
चाहे विष्णु को मना लो,
चाहे भोले पर दूध चढ़ा लो,
क्रिया एक ही है,
पूजा अलग अलग होती है।
काली को मना लो,
चाहे चंडी को मना लो,
चाहे दुर्गे पर चुनर उड़ा लो,
मैया एक ही है,
मूरत अलग अलग होती है।
गंगा में नहा लो,
चाहे जमुना में नहा लो,
चाहे सरयू में गोता लगा लो,
जल तो एक ही है,
धारा अलग अलग होती है।
गीता पढ़ लो,
चाहे रामायण पढ़ लो,
पढ़ पढ़ के तुम अर्थ लगा लो,
भाषण एक ही है,
ईश्वर एक ही है,
पूजा अलग अलग होती है।
ईश्वर एक ही है,
पूजा अलग अलग होती है,
ब्रह्मा को मना लो,
चाहे विष्णु को मना लो,
चाहे भोले पर दूध चढ़ा लो,
क्रिया एक ही है,
पूजा अलग अलग होती है।
सत्संगी भजन | ईश्वर एक ही है कि पूजा अलग अलग होती है | Bhakti Bhajan | Sheela Kalson (With Lyrics)
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