जब जब भी संकट का मुझ पे फेरा होता है लिरिक्स

जब जब भी संकट का मुझ पे फेरा होता है लिरिक्स Jab Jab Bhi Sankat Bhajn

 
जब जब भी संकट का मुझ पे फेरा होता है लिरिक्स Jab Jab Bhi Sankat Lyrics

जब जब भी संकट का,
मुझ पे फेरा होता है,
मेरे दरवाज़े पे हनुमान का,
पहरा होता है।

जब से आये घर में मेरे,
सारे संकट भाग गये,
हम तो सोये थे गहरी नींद में,
हनुमान जी जाग रहे,
हर गली हर कूचे में,
इनका बसेरा होता है,
मेरे दरवाज़े पे हनुमान का,
पहरा होता है।

मुझसे ज़्यादा चिंता करते,
ये मेरे परिवार की,
करते हैं रखवाली हर दम,
ये मेरे घर बार की,
जपते जपते नाम इन्ही का,
सवेरा होता है,
मेरे दरवाज़े पे हनुमान का,
पहरा होता है।

श्री राम का सेवक है,
ये भक्तों का रखवाला है,
इनकी महिमा बहुत बड़ी है,
इनका खेल निराला है,
भक्तों से भगवान का,
रिश्ता गहरा होता है,
मेरे दरवाज़े पे हनुमान का,
पहरा होता है।
 
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