अंजनि सुत जय जय हनुमान

अंजनि सुत जय जय हनुमान

राम लखन सीता सहित,
सब कीजै अभिमान,
नमन मेरा स्वीकार करे,
जय जय श्री हनुमान,
अंजनि सुत जय जय हनुमान,
तन मन धन से कीजै ध्यान।

चारों लोक भये अंधियारा,
मुख में जब सूरज को डाला,
तेज प्रताप हनुमत का जाने,
लंका दहन जिसने कर डाला,
आराधन कीजे हनुमत का,
शरणागत हो ले लो ज्ञान,
जय जय श्री हनुमान।

राम चन्द्र कह गये सबसे,
कल युग के हनुमत दाता,
अर्ज सुने केवल बजंरगी,
बल वुद्धि धन सबके दाता,
हाथ जोड़ विनती कर,
अंजनी सुत से लो वरदान,
जय जय श्री हनुमान।

राम लखन सीता सहित,
सब कीजै अभिमान,
नमन मेरा स्वीकार करे,
जय जय श्री हनुमान,
अंजनि सुत जय जय हनुमान,
तन मन धन से कीजै ध्यान।
 



सुबह सुबह सुने इस मधुर भजन को शनिवार Special Jai Jai Hanuman ~ जय जय हनुमान Bhajan
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