आ जाओ कृष्ण मुरारी लेकर के बंसी प्यारी

आ जाओ कृष्ण मुरारी लेकर के बंसी प्यारी

आ जाओ कृष्ण मुरारी,
लेकर के बंसी प्यारी,
बंसी की धुन सुनने को आई,
मेरी सखियां सारी।

कोई सखी मेरी दूध है लाई,
कोई दही लेकर आई,
कोई माखन मिश्री लाई,
कोई सखी मेरी ढोलक लाई,
कोई चीमटा लाई,
कोई घुंघरू लिए,
तेरी राह तके,
आ जा गिरधारी,
आ जा रास रचाने।

कोई तुम्हारी राह बहारें,
कोई कलियां चुन लाएं,
कोई फूलों से सेज सजाए,
हो कोई ढूंढे तुम्हें फूलों में,
कोई कलियों में पुकारे,
कोई गाकर गीत बुलाए,
हो तुम छुपे हो किधर,
क्यों ना आते नजर,
हो सुबह से शाम हो गई,
अब ना तरसा रे।

कोई सखी तुम्हें कान्हा कहती,
कोई कहे गोपाला,
कोई कहती तुम्हें नंदलाला,
हो कोई सखी बनवारी कहती,
कोई सखी गिरधारी,
कोई कहती है पालनहारा,
हो कैसे जग से कहे,
तुम हो प्यारे हमें,
हां तुमको कसम राधा की,
आजा मेरे प्यारे।

आ जाओ कृष्ण मुरारी,
लेकर के बंसी प्यारी,
बंसी की धुन सुनने को आई,
मेरी सखियां सारी।
 


मधुबन में आकर बैठी, कान्हा तेरी राह निहारें सर्वश्रेष्ठ भजन

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