कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं मेरा ओसरा आया लिरिक्स Kalyug Bolya Parikshit Lyrics

कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं मेरा ओसरा आया लिरिक्स Kalyug Bolya Parikshit Lyrics

कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं,
मेरा ओसरा आया,
अपने रहण की खातिर मन्नै,
इसा गजट बणाया।

सोने कै काई ला दूंगा,
आंच साच पै कर दूंगा,
वेद-शास्त्र उपनिषदां नै,
मैं सतयुग खातिर धर दूंगा,
असली माणस छोडूं कोन्या,
सारे गुंडे भर दूंगा,
साच बोलणियां माणस की,
मैं रे रे माटी कर दूंगा,
धड़ तैं सीस कतर दूंगा,
मेरे सिर पै छत्र छाया,
अपने रहण की खातिर,
मन्नै इसा गजट बणाया।

मेरे राज मैं मौज करैंगे,
ठग डाकू चोर लुटेरे,
ले कै दें ना कर कै खां ना,
ऐसे सेवक मेरे,
सही माणस कदे ना पावै,
कर दूं ऊजड़ डेरे,
पापी माणस की अर्थी पै,
जावैंगे फूल बिखेरे,
ऐसे चक्कर चालैं मेरे,
मैं कर दूं मन का चाहया,
अपने रहण की खातिर मन्नै,
इसा गजट बणाया।

कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं,
मेरा ओसरा आया,
अपने रहण की खातिर मन्नै,
इसा गजट बणाया,
कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं,
मेरा ओसरा आया,
अपने रहण की खातिर मन्नै,
इसा गजट बणाया।



परिक्षित से न्यू कलियुग बोल्या राज मेरा अभी आया है कलयुग के बारे में दादा लखमीचंद की रागनी सत्ते

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