मंद मंद मुस्काये रे भोला लिरिक्स Mand Mand Muskaye Re Bhola Lyrics

मंद मंद मुस्काये रे भोला लिरिक्स Mand Mand Muskaye Re Bhola Lyrics

मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये,
समुन्द्र मंथन में जब,
दुनिया में जहर फैला था,
पी के विष का प्याला तूने,
दुनिया को बचाया था,
कंठ हुआ जब नीला,
कंठ हुआ जब नीला ,
भोला तू तो नील कंठ कहलाये,
मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये।

मैं तेरा सेवक हूँ बाबा,
कर भी दूँ नादानी,
जान के अपना बालक,
बाबा दे देना तू माफ़ी,
कैलाशो में वास है तेरा,
ऐ भोले अविनाशी,
तीनो लोको में बजता,
डंका है तेरा हे त्रिपुरारी,
धुल अगर दे दे तेरे चरणों की,
बाबा जीवन सफल हो जाये,
मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये।

इस संसार में बाबा तुझसे,
बड़ा ना कोई योगी,
सृष्टि से पहले भी,
तेरे नाम से जलती ज्योति,
ख्वाब बड़े अगर दुनिया में,
भोला करले जो करवाये,
मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये।

मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये,
समुन्द्र मंथन में जब,
दुनिया में जहर फैला था,
पी के विष का प्याला,
तूने दुनिया को बचाया था,
कंठ हुआ जब नीला,
कंठ हुआ जब नीला ,
भोला तू तो नील कंठ कहलाये,
मंद मंद मुस्काये रे भोला,
काहे भांग धतूरा खाये।
 



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