यहाँ वहा मत डोल प्राणी हरि हरि बोल

यहाँ वहा मत डोल प्राणी हरि हरि बोल

यहां वहां मत डोल,
प्राणी हरि~हरि बोल,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।

~~
सुख वाली उजियाली,
सुबह मिलेगी,
दुःख वाली अंधियारी,
रात टलेगी,
ग़म के हट जाए बादल,
खुशियां पाएगा हर पल,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।

~~
हर लेंगे हरि तेरा,
हर एक संकट,
सुबहशाम, दिनरात,
हरि नाम तू रट,
केवल दो अक्षर का नाम,
तेरा कर देगा हर एक काम,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।

~~
कर ले भजन प्राणी,
हो के मगन तू,
अपने सुधार ले,
सारे जनम तू,
सच्चा रख इनसे तू प्यार,
तुझको कर देंगे भव पार,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।

~~
भज ले नाम हरि का,
सारी ही सृष्टि जपती,
नाम हरि का,
सारी सृष्टि के आधार,
ये हैं जग के पालनहार,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।

~~
यहां वहां मत डोल,
प्राणी हरि~हरि बोल,
कर हरि सुमिरन,
हरि मिल जाएंगे।।


गुरुवार श्री हरि का प्यारा भजन | यहाँ वहा मत डोल प्राणी हरि हरि बोल | YahaWahaMatDolPraniHariHariBol

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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