महिमा निराली तेरी माँ जगदम्बे भजन

महिमा निराली तेरी माँ जगदम्बे भजन

(मुखड़ा)
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे,
हे जग माता वरदानी,
तेरा ना कोई सानी,
पल में बनाती है तू ज़िंदगी,
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे।।

(अंतरा)
महिमा तेरे दर की मशहूर है,
भक्तों को मिलता यहाँ नूर है,
तेरे दर पे अकबर आया,
मेरी माँ
सोने का छत्र चढ़ाया,
मेरी माँ
चरणों में शीश झुकाकर,
माँ, तेरी महिमा गाया,
करने लगा वो तेरी बंदगी,
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे।।

ऊँचे पहाड़ों पे तेरा द्वार है,
सागर से गहरा माँ, तेरा प्यार है,
हे मैया शेरावाली,
मेरी माँ
भर देती सबकी झोली,
मेरी माँ
जो दर पे आए सवाली,
जाए ना कभी वो खाली,
जिसकी भी जैसी हो मन की लगी,
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे।।

(पुनरावृति)
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे,
हे जग माता वरदानी,
तेरा ना कोई सानी,
पल में बनाती है तू ज़िंदगी,
अंबे, अंबे, जय माँ अंबे,
महिमा निराली तेरी, माँ जगदंबे।।
 


अम्बे तू है जगदम्बे ambe tu hai jagdambe chandan anurag चंदन अनुराग
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