कोई सुनता है गुरुज्ञानी लिरिक्स Koi Sunata Hai Gurugyani Lyrics

कोई सुनता है गुरुज्ञानी लिरिक्स Koi Sunata Hai Gurugyani Lyrics

कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी,
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही झीनी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी,  
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही झीनी।

पहले होता नाद बिंदु से,
फेर जमाया पानी,  
फेर जमाया पानी,
पहले होता नाद बिंदु से,
फेर जमाया पानी,  
फेर जमाया पानी,  
सब घट पूरनपुर रहा है,
आदि पुरुष निर्वानी,  
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी।

जो तन पाया पता लिखाया,  
तृष्णा नहीं भुलानी,  
तृष्णा नहीं भुलानी,  
जो तन पाया पता लिखाया,  
तृष्णा नहीं भुलानी,  
तृष्णा नहीं भुलानी,  
अमृत रस छोड़ विषय रस चाखा,  
उल्टी फांस फ़सानी,  
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी।
 
होहं सोहम बाजा बाजे,
त्रिकुटी सुन्न समानी,  
त्रिकुटी सुन्न समानी,  
होहं सोहम बाजा बाजे,  
त्रिकुटी सुन्न समानी,  
त्रिकुटी सुन्न समानी,  
इड़ा पिंगला सुष्मन शोधो,  
सुन्न ध्वजा फहरानी,  
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी।

दिद बंदीद हम नज़रों से देखा,  
अजरा अमर निशानी,  
अजरा अमर निशानी,  
दिद बंदीद  हम नज़रों से देखा,  
अजरा अमर निशानी,  
अजरा अमर निशानी,  
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
यही आदि की बानी,  
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी।

कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी,
कोई सुनता है गुरुज्ञानी,  
गगन में आवाज हो रही झीनी।
 



कोई सुनता है गुरुज्ञानी | Koi Sunta Hai Gurugyani | Nitin Mukesh | Kabir Amritwani | Hindi Bhajan

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