सदगुरु से मिलवा चलो लिरिक्स Sadguru Se Milava Chalo Lyrics
सदगुरु से मिलवा चलो लिरिक्स Sadguru Se Milava Chalo Lyrics
संत मिलन को चलिए,और तज माया अभिमान,
अरे जो जो पग आगे धरे,
तो कोटि अज्ञ समान।
सतगुरू से मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो,
हो मालिक से मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो,
म्हारे सतगुरू लागे प्यारो रे,
पिया जी से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो।
गुरू सबद को झाड़ू लेकर,
कचरो परा निवारो रे,
फिर सत नाम की,
टीकी लगाई के,
फिर सत्संग सुरमो सारो रे,
पिया से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो।
लगन लूगड़ी ओढ़ सुहागन,
प्रेम की पाटली पाडो रे,
गुरुगम कौर किनारी लगाई के,
फिर ज्ञान घूंघटो काढ़ो रे,
पिया से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो।
अरे ज्ञान घाघरो पेर सुहागन,
नेम को नाड़ो डालो रे,
करनी की गाँठ जुगत से दीजे,
नितो लोग हंसेगा सारो रे,
पिया से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो।
अरे और पिया म्हारे,
अच्छो नी लागे,
अजर अमर पिया म्हारो रे,
उन पिया से लग रही डोरी,
जो एक पलक नहीं न्यारो रे,
पिया से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो।
अरे साहब कबीर मोहे समृद्ध,
दियो सबद टको सारो रे,
अरे धरम दास साहब का सरने,
अरे सहजे लगियो किनारो,
पिया से साहेब जी से,
मिलवा चालो रे,
सजो सिंगारो,