तुझमे निराली बात भजन

तुझमे निराली बात भजन

ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात,
देता है नित नयी नयी,
भक्तों को तू सौगात,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।

भक्तों के हित के कारण ,
बिष कंठ में धरा,
बिष पान करके तुमने,
जग को किया सनाथ,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।

अपने भगत के कारण,
गंगा को सिर धरा,
फिर शीश से बहादी,
धरती पे  गंगा मात,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।

भक्ति मिली तेरी जिसे,
तक़दीर बन गयी,
काली अंधेरी रात को,
तूने किया प्रभात,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।

तू है बड़ा दयालु,
कृपा बहा रहा,
राजेन्द्र के भी सिर पे
रखदे दया का हाथ,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात,
देता है नित नयी नयी,
भक्तों को तू सौगात,
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।



तुझमें निराली बात.....

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